Multibagger Stocks in Hindi
दोस्तों इस लेख में हम Sugar Stocks के बारे में जानकारी देखने वाले है जो MULTIBAGGER बन सकते है। हाल ही में सरकार ने शुगर इंडस्ट्री के लिए एक बहुत बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले का सीधा असर एथेनॉल उत्पादन (Ethanol Production) की प्रक्रिया और कैपेसिटी (Capacity) पर पड़ेगा। पहले शुगर इंडस्ट्री (Sugar Industry) अपने गन्ने के जूस को एथेनॉल प्रोडक्शन में इस्तेमाल नहीं कर सकती थी। इस पर कुछ प्रतिबंध (Restrictions) लगे हुए थे। सरकार का मानना था कि अगर गन्ने का जूस एथेनॉल में चला गया, तो शुगर की प्रोडक्शन कैपेसिटी पर असर पड़ेगा और उसके दाम बढ़ सकते हैं।
Sugar Stocks News
Why the Restrictions? : शुगर एक बेसिक कमोडिटी (Basic Commodity) है, जिसका इस्तेमाल हर रोज़ होता है। अगर शुगर के दाम बढ़ते हैं, तो इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। इसी वजह से फूड डिपार्टमेंट (Food Department) और इंडस्ट्री ने मिलकर इस पर कई डिस्कशन (Discussion) किए। एथेनॉल ब्लेंडिंग (Ethanol Blending) को प्रमोट करने के लिए सरकार चाहती है कि हम फ्यूल के मामले में ज्यादा ग्रीन और सस्टेनेबल (Sustainable) बने। इसका मकसद है कि फॉसिल फ्यूल्स (Fossil Fuels) जैसे पेट्रोल और डीजल पर हमारी निर्भरता (Dependency) कम हो जाए।
Focus on Ethanol Blending
सरकार का मकसद है कि हम आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा एथेनॉल ब्लेंडिंग करें। अभी हम 25% एथेनॉल ब्लेंडिंग की बात कर रहे हैं, लेकिन आगे चलकर यह 40%, 50%, या 60% तक भी हो सकती है। इसके लिए हमारी रिसर्च ऑर्गेनाइजेशंस (Research Organizations) और साइंटिस्ट्स (Scientists) लगातार काम कर रहे हैं।
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Impact on Sugar Industry Stocks
सरकार के इस फैसले के बाद से शुगर कंपनीज के स्टॉक्स (Sugar Stocks) में काफी तेजी देखी गई है। सरकार ने शुगर डायवर्जन (Sugar Diversion) पर लगी कैप (Cap) को हटा दिया है, जिससे शुगर कंपनीज अब ज्यादा एथेनॉल प्रोड्यूस (Produce) कर सकती हैं। इससे उनकी एथेनॉल कैपेसिटी बढ़ने वाली है और उनके स्टॉक्स की वैल्यू (Value) भी बढ़ सकती है।
Top 10 Sugar Companies and Their Ethanol Capacity
यहां पर हम कुछ टॉप शुगर कंपनीज (Sugar Stocks) की बात करेंगे, जिनकी एथेनॉल प्रोडक्शन कैपेसिटी बढ़ने वाली है:
- Shree Renuka Sugars: 930 KLPD (Kiloliters per Day)
- Balrampur Chini Mills: 800 KLPD
- Dalmia Bharat Sugar: 150 KLPD
- Dhampur Sugar Mills: 350 KLPD
- Triveni Engineering & Industries: 320 KLPD
- Dwarikesh Sugar: 340 KLPD
- Uttam Sugar: 300 KLPD
- Praj Industries: 180 KLPD
- KCP Sugar Industries: 120 KLPD
- Bajaj Hindusthan Sugar: 190 KLPD
ये सभी कंपनीज अब अपनी एथेनॉल प्रोडक्शन कैपेसिटी को बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
Future of the Sugar Industry
एथेनॉल प्रोडक्शन पर फोकस करने से शुगर इंडस्ट्री (Sugar Stocks) का भविष्य काफी उज्जवल हो सकता है। पहले शुगर इंडस्ट्री पॉलिटिकल ड्रिवन (Political Driven) हुआ करती थी, जहां महाराष्ट्र और यूपी की लॉबीज (Lobbies) का काफी प्रभाव था। लेकिन अब एथेनॉल प्रोडक्शन में इजाफा होने से इन लॉबीज का प्रभाव कम हो सकता है।
Moving Towards Decarbonization
सरकार का लक्ष्य 2040 या 2070 तक जीरो कार्बन (Zero Carbon) एमिशन हासिल करना है। एथेनॉल (Sugar Stocks) इसमें एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अगर हम एथेनॉल प्रोडक्शन बढ़ाते हैं, तो हमारी खाड़ी देशों पर तेल के लिए निर्भरता भी कम होगी। यह एक ग्रीन फ्यूल (Green Fuel) की तरह काम करेगा और पर्यावरण (Environment) के लिए भी फायदेमंद होगा।
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Conclusion :
शुगर इंडस्ट्री (Sugar Stocks) के लिए एथेनॉल प्रोडक्शन एक सनराइज इंडस्ट्री (Sunrise Industry) की तरह उभर सकता है। शुगर कंपनीज को अब एथेनॉल प्रोडक्शन की तरफ और ज्यादा ध्यान देना चाहिए ताकि हमारे देश को डिकार्बोनाइजेशन (Decarbonization) की दिशा में ले जाया जा सके। अगर यह ट्रेंड जारी रहा, तो आने वाले समय में शुगर इंडस्ट्री और भी ज्यादा मजबूत बन सकती है।
इस फैसले का असर शुगर इंडस्ट्री के हर पहलू पर पड़ेगा, चाहे वह कंपनीज की ग्रोथ हो या मार्केट में उनकी पोजिशन। इसलिए, यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में यह इंडस्ट्री कैसे परफॉर्म करती है और हमारे देश की एनर्जी पॉलिसी (Energy Policy) को कैसे सपोर्ट करती है।
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FAQ:
सरकार का शुगर इंडस्ट्री (Sugar Stocks) के लिए क्या बड़ा फैसला है?
सरकार ने गन्ने के जूस को एथेनॉल उत्पादन (Ethanol Production) में उपयोग करने की अनुमति दी है। पहले इस पर प्रतिबंध था ताकि शुगर की प्रोडक्शन कैपेसिटी (Production Capacity) पर असर न पड़े और शुगर के दाम न बढ़ें।
गन्ने के जूस को एथेनॉल उत्पादन में क्यों शामिल नहीं किया जा सकता था?
सरकार का मानना था कि अगर गन्ने का जूस एथेनॉल में डायवर्ट हो गया, तो शुगर की प्रोडक्शन में कमी आएगी और इसके कारण शुगर की कीमतें बढ़ सकती हैं, जो आम जनता पर असर डालेगा।
एथेनॉल ब्लेंडिंग क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
एथेनॉल ब्लेंडिंग का मतलब है फ्यूल (जैसे पेट्रोल और डीजल) में एथेनॉल मिलाना। इसका उद्देश्य फॉसिल फ्यूल्स (Fossil Fuels) पर निर्भरता कम करना और क्लीनर एनर्जी विकल्पों की ओर बढ़ना है।
शुगर कंपनीज के स्टॉक्स पर इस फैसले का क्या असर पड़ा?
सरकार द्वारा शुगर डायवर्जन (Sugar Diversion) पर लगी कैप हटाने से शुगर कंपनीज के स्टॉक्स में तेजी देखी गई है। इससे इन कंपनियों की एथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ सकती है।