Power Stocks: बहुत ही अच्छे Valuation पे मिल रहा ये स्टॉक, अभी ख़रीदे वरणा बाद में..

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POWER STOCKS : पावर सेक्टर (Power Stocks) भारत में तेजी से ग्रो कर रहा है, खासकर गवर्नमेंट के सपोर्ट की वजह से। इस आर्टिकल में, हम पावर सेक्टर के करंट टेलविंड्स (tailwinds) और पॉजिटिव डेवलपमेंट्स के बारे में बात करेंगे। इसके अलावा, हम एक स्मॉल कैप कंपनी पर भी फोकस करेंगे, जो इस ग्रोथ से काफी फायदा उठा सकती है।

Key Components of the Power Sector : इंडिया की इलेक्ट्रिक ग्रीड सिस्टम में तीन मेन कंपोनेंट्स (Power Stocks) होते हैं:

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  1. पावर जनरेशन (Power Generation) – जहां बिजली का उत्पादन होता है।
  2. पावर ट्रांसमिशन (Power Transmission) – जहां बिजली को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया जाता है।
  3. पावर डिस्ट्रीब्यूशन (Power Distribution) – जहां बिजली को अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचाया जाता है।

Factors Driving Power Demand : पावर की डिमांड को बढ़ाने वाले कई फैक्टर्स हैं:

  1. डेटा सेंटर्स की बढ़ती संख्या: डेटा सेंटर्स में पावर की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। उनका लगभग 70% एक्सपेंस पावर पर ही खर्च होता है।
  2. AI सिस्टम्स का उभरना: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सिस्टम्स को ऑपरेट करने के लिए भी बहुत पावर की जरूरत होती है, जिससे आगे चलकर पावर की डिमांड और बढ़ेगी।
  3. इकोनॉमिक ग्रोथ: 2030 तक, इंडिया के $5 ट्रिलियन इकोनॉमी बनने की उम्मीद है, जिससे पावर की जरूरत बढ़ेगी।
  4. इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का राइज: जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का इस्तेमाल बढ़ेगा, उन्हें चार्ज करने के लिए भी ज्यादा पावर (Power Stocks) की जरूरत होगी।
  5. हाइड्रोजन फ्यूल का डेवलपमेंट: गवर्नमेंट हाइड्रोजन को एक अल्टरनेट फ्यूल के रूप में प्रमोट कर रही है, जिसके लिए लगभग 125 गीगावाट एक्स्ट्रा पावर की जरूरत होगी।
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India’s Power Consumption vs. Other Countries : इंडिया में प्रति व्यक्ति पावर कंसंप्शन (per capita power consumption) अभी भी बहुत कम है:

  • इंडिया: 1,218 किलोवाट-घंटे (kWh)
  • ब्राजील: 2,500 kWh से अधिक
  • चाइना: 5,950 kWh
  • जापान: 7,692 kWh
  • यूएसए: 12,314 kWh
  • स्वीडन: 16,538 kWh

दूसरे देशों की तुलना में, इंडिया का पावर कंसंप्शन काफी कम है, जिससे यहां ग्रोथ की बहुत ज्यादा पोटेंशियल है।

Government Push for Power Sector Growth

गवर्नमेंट ऑफ इंडिया पावर सेक्टर (Power Stocks) की ग्रोथ को सपोर्ट कर रही है। कैपिटल एक्सपेंडिचर (capex) भी बढ़ाया गया है:

  • 2.44 लाख करोड़ से 4.75 लाख करोड़ रुपये तक।

Transmission Line Growth : ट्रांसमिशन लाइन्स की लंबाई में भी इजाफा हो रहा है:

  • FY22 में: 487 Ckt-km (circuit kilometers)
  • FY27 तक एक्सपेक्टेड: 580 Ckt-km

Substation Capacity : सबस्टेशन कैपेसिटी में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है:

  • FY22 में: 1,251 हजार kV
  • FY27 तक एक्सपेक्टेड: 1,827 हजार kV

Investment Opportunities in Power Sector

पावर सेक्टर (Power Stocks) की ग्रोथ के साथ, यहां निवेश के भी कई मौके हैं:

  1. स्मार्ट मीटर्स: इसमें शिवालिक बायोमेटल्स, जीनस पावर, HPL इलेक्ट्रिक जैसी कंपनियां शामिल हैं।
  2. ट्रांसफॉर्मर्स: ट्रांसफॉर्मर एंड रेक्टिफायर्स, सिलचर टेक्नोलॉजीज, सुप्रीम पावर जैसी कंपनियों का डिमांड बढ़ रहा है।
  3. वायर्स और केबल्स: पॉलीकैब, केईआई, आरआर केबल्स जैसी कंपनियां इस सेगमेंट में शामिल हैं।
  4. ट्रांसमिशन टावर्स: स्किपर जैसी कंपनियां इसमें एक्टिव हैं।

Focus on a Small Cap Company: DDEV Plastics

आज हम एक स्मॉल कैप कंपनी, DDEV Plastics, के बारे में बात करेंगे, जो पावर सेक्टर (Power Stocks) के ग्रोथ से फायदा उठा सकती है। DDEV Plastics, वायर्स और केबल्स के लिए पॉलिमर कंपाउंड्स बनाती है, जो कि पीवीसी (PVC) कोटिंग के लिए इस्तेमाल होते हैं।

Company Overview

  • शुरुआत: 1985 में कंपनी की शुरुआत “कल्पना इंडस्ट्रीज” के नाम से हुई थी।
  • डीमर्जर: 2020 में कंपनी का डी-मर्जर हुआ और अब यह दो कंपनियों में बंटी है: DDEV Plastics और एक अन्य छोटी कंपनी जो प्लास्टिक रीसाइक्लिंग में फोकस्ड है।
  • फोकस: DDEV Plastics का फोकस पॉलिमर कंपाउंड्स के मैन्युफैक्चरिंग पर है, जो वायर्स और केबल्स में इंसुलेशन, प्रोटेक्शन, और शिल्डिंग के लिए यूज होते हैं।

Product Segments

  1. PVC Compounds: यह पावर और कम्युनिकेशन केबल्स के लिए होते हैं।
  2. XLPE (Cross-linked Polyethylene) Compounds: यह हाई वोल्टेज केबल्स के लिए उपयोग होते हैं और कंपनी का मार्केट शेयर इस सेगमेंट में काफी स्ट्रांग है।
  3. HFFR (Halogen-Free Flame Retardants) Compounds: यह अग्नि सुरक्षा के लिए बेहतर हैं और इसका डिमांड तेजी से बढ़ रहा है।
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Future Outlook : DDEV Plastics ने भविष्य के लिए कई कैपेक्स प्लान किए हैं:

  • 300 करोड़ रुपये का कैपेक्स अगले कुछ सालों में, खासकर HFFR कंपाउंड्स की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए।
  • 2025 तक, कंपनी की योजना 20,000 मेट्रिक टन HFFR कंपाउंड्स की कैपेसिटी हासिल करने की है।

Growth Potential : (Power Stocks) कंपनी का ग्रोथ पोटेंशियल बहुत ज्यादा है, खासकर हाई वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स में शिफ्ट की वजह से। मैनेजमेंट का फोकस हायर वोल्टेज प्रोडक्ट्स पर है, जो अभी इंडिया में इंपोर्ट होते हैं।

Key Takeaways : DDEV Plastics एक इंटरेस्टिंग प्लेयर हो सकती है Power Stocks की ग्रोथ में निवेश के लिए। कंपनी का बैलेंस शीट स्ट्रांग है, और मैनेजमेंट का फोकस हायर वैल्यू एडेड प्रोडक्ट्स पर है।

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