MADHABI PURI BUCH News
Introduction : दोस्तों इस लेख में हम Madhabi Puri Buch के बारे में जानकारी देखने वाले है। जिसमे से Adani का कनेक्शन Madhabi Puri Buch से है इसके बारे में बताया जा रहा है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर से अडानी ग्रुप पर निशाना साधा है। पिछली बार की तरह, इस बार भी उनकी रिपोर्ट ने भारत में तहलका मचा दिया है। इस नई रिपोर्ट में कई सनसनीखेज आरोप लगाए गए हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है Madhabi Puri Buch का नाम, जो सेबी की चेयरपर्सन हैं।
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Hindenburg’s Accusations
हिंडनबर्ग ने पहले भी अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए थे, जिनके बाद अडानी के शेयर की कीमतें धड़ाम से गिर गई थीं। इस बार, उन्होंने एक बार फिर से ऐसा ही किया है। नई रिपोर्ट में हिंडनबर्ग ने कहा है कि सेबी की चेयरपर्सन Madhabi Puri Buch अडानी ग्रुप के साथ मिली हुई हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पिछले 18 महीनों में सेबी ने अडानी ग्रुप के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की, क्योंकि Madhabi Puri Buch की इसमें हिस्सेदारी थी।
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What is SEBI?
SEBI, या Securities and Exchange Board of India, भारत में शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स जैसी वित्तीय संस्थाओं को रेगुलेट करता है। इसका गठन 1988 में हुआ था, लेकिन संवैधानिक दर्जा इसे 1992 में हर्षद मेहता स्कैम के बाद मिला। Madhabi Puri Buch SEBI की पहली महिला चेयरपर्सन हैं।
Hindenburg’s Claims on Madhabi Puri Buch
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है कि जब Madhabi Puri Buch SEBI की चेयरपर्सन बनने वाली थीं, उससे पहले उन्होंने अपने पति के नाम सारी हिस्सेदारी ट्रांसफर कर दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया ताकि वह SEBI की चेयरपर्सन बन सकें और अडानी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई न करें।
Offshore Companies and Tax Havens
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि Madhabi Puri Buch और उनके पति की कुछ ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी थी, जिनका उपयोग अडानी ग्रुप के मनी साइफरिंग में किया गया था। यह कंपनियां मॉरिशस जैसे टैक्स हेवन में रजिस्टर्ड थीं, जहां टैक्स नियमों में छूट होती है।
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Market Impact : हिंडनबर्ग की इस नई रिपोर्ट के बाद, सोमवार को बाजार खुलने पर शेयर बाजार में भारी गिरावट की संभावना है। पिछली बार की तरह इस बार भी अडानी के शेयरों में बड़ी गिरावट आ सकती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार निवेशक कैसे प्रतिक्रिया देते हैं, क्योंकि पिछली बार की तरह पैनिक सेलिंग से पूरी भारतीय शेयर मार्केट पर असर पड़ सकता है।
Hindenburg’s Strategy
Short Selling : हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलर कंपनी है। इसका मतलब है कि यह कंपनी उन शेयरों पर दांव लगाती है जो गिरने वाले होते हैं। वे शेयर को उधार लेते हैं और बेचते हैं, फिर जब शेयर की कीमत गिरती है, तो कम कीमत पर उन्हें खरीदकर वापस कर देते हैं। इस प्रोसेस में उन्हें बड़ा मुनाफा होता है। उदाहरण के लिए, अगर किसी शेयर की कीमत ₹3000 है और शॉर्ट सेलिंग के बाद वह ₹1000 हो जाता है, तो वे ₹2000 प्रति शेयर का लाभ कमा लेते हैं।
Conclusion :
हिंडनबर्ग की यह नई रिपोर्ट एक बार फिर से अडानी ग्रुप और Madhabi Puri Buch पर गंभीर सवाल खड़े करती है। सोमवार को शेयर बाजार में क्या होता है, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। लेकिन इतना तय है कि इस रिपोर्ट ने फिर से एक बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया है। हिंडनबर्ग की शॉर्ट सेलिंग रणनीति और उनके आरोपों ने इस बार भी भारतीय बाजार में हलचल मचा दी है।
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निष्कर्ष और सलाह :
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Madhabi Puri Buch यह लेख सिर्फ इनफॉर्मेशनल पर्पज से प्रोवाइड कराया गया है। इसलिए अगर आप निवेश करना चाहते हो या फिर फंड या शेयर खरीदना चाहते हो तो आप अपने जिम्मेदारी पे खरीदे| क्यू की आपको नुकसान हो या फायदा इसके लिए हम किसी भी रूप से जिम्मेदार नहीं है|
FAQ:
हिण्डनबर्ग की नई रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि SEBI की चेयरपर्सन Madhabi Puri Buch अडानी ग्रुप के साथ मिली हुई हैं और उन्होंने पिछले 18 महीनों में अडानी ग्रुप के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।
Madhabi Puri Buch कौन हैं और उनके खिलाफ क्या आरोप हैं?
Madhabi Puri Buch SEBI की चेयरपर्सन हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने SEBI की चेयरपर्सन बनने से पहले अपने पति के नाम सभी हिस्सेदारी ट्रांसफर कर दी थी ताकि वह SEBI की चेयरपर्सन बन सकें और अडानी ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई न करें।